जीएसटी (GST) के चलते महंगी होंगी छोटी कारें, समझें जाने क्यों ?
जीएसटी (GST) के चलते महंगी होंगी छोटी कारें, समझें
1 जुलाई से जीएसटी के आते ही छोटी व मिड साइज कारों की कीमतों में थोड़ी बढ़ोत्तरी हो सकती है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। अगर जीएसटी के सारे गणित को समझें तो उससे साफ पता चलता है कि इन कारों में बढ़ोत्तरी होनी तय है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी कि जीएसटी 1 जुलाई से आने वाला है और इसमें गुड्स को चार स्लैब स्ट्रक्चर में परिभाषित किया गया है। जीएसटी में 10 सेंट्रल और स्टेट टैक्स को एक में जोड़ा गया है। गुड्स और सर्विसेस को इन चारों टैक्स के स्लैब में से एक न एक में फिट होना है। इन चारों कटेगरी के रेट इस तरह होंगे 5, 12, 18 और 28 फीसदी।
मौजूदा समय की बात करें तो अभी छोटी कारों पर 12.5 फीसदी का सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगता है जबकि 14.5-15 फीसदी का वैट राज्य सरकारें अलग से लगाती हैं। इस तरह से कुल टैक्स छोटी कारों पर अभी 27-27.5 फीसदी तक पड़ता है। जीएसटी के आने के बाद इन कारों पर एक कर यानी कि 28 फीसदी का टैक्स देना पड़ेगा। इस तरह छोटी कारों की कीमत में मामूली बढ़ोत्तरी होगी।
मिड-साइज कारों के 1500 सीसी इंजन तक 24 फीसदी की एक्साइज ड्यृटी लगती है जबकि राज्य सरकारें इन पर 14.5 फीसदी का कर वसूलती हैं इस तरह से टैक्स बनता है 38.5 फीसदी। एक कर के दायरे में ऐसी कारों की कीमतें कम हो सकती हैं। लेकिन ऑटो कंपनियों का मानना है कि सरकार को ऑटो कंपनियों से हर साल बड़ा राजस्व मिलता है और वो किसी भी कीमत पर इस राजस्व का नुकसान नहीं उठाएगी। छोटी कारों तक तो ठीक है इसके ऊपर सरकार उतना टैक्स जरूरी वसूलेगी जितना अब तक वसूलती रही है। अब बात एसयूवी कारों की करें तो मौजूदा समय में इस पर सरकारें 41.5 फीसदी से 44.5 फीसदी तक का कर वसूलती हैं। छोटी कारें महंगी होंगी ये तो तय है कि लेकिन महंगी कारें सस्ती होंगी इस पर संशय है। देखना है जब जीएसटी लागू होगा तो उसका प्रारूप क्या होगा और इसका फायदा लोगों को कैसे होगा, क्योंकि एकल टैक्स प्रणाली में सरकार अपना नुकसान किसी कीमत पर नहीं करेगी।
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