GST: Fear and Confusion Among Business people
जीएसटी (GST) को लेकर दुकानदारों में डर और भ्रम का माहौल है। कुछ दुकानदारों ने कहा कि जीएसटी (GST) की बढ़ी दरों से स्मगलिंग बढ़ेगी। लोग टैक्स की चोरी करते हुए दो नंबर से माल बेचेंगे। कुछ का कहना है कि सरकार को जीएसटी की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। रिटर्न भरने में छोटे दुकानदार को दिक्कत आएगी।
कन्फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के चेयरमैन ब्रिज मोहन विज और जनरल सेक्रेटरी देवराज बवेजा का कहना है कि जीएसटी की बढ़ी दरों को लेकर वे परेशान नहीं हैं। मगर, इसकी प्रक्रिया जटिल है। सरकार को इसे मेंटन करने के तरीकों को आसान बनाना चाहिए। छोटे से छोटा दुकानदार इसे अपने स्तर पर आसानी से हैंडल कर सके। अभी बड़े दुकानदार तो अकाउंटेंट और सीए की सेवाएं लेकर जीएसटी की उलझनें सुलझा लेंगे, लेकिन उन छोटे दुकानदारों का क्या होगा जो सदर बाजार के गली-कूचों में बैठे हैं। उन्होंने बताया कि पहले यहां बिकने वाली अधिकतर आइटम्स पर 12.5 फीसदी वैट लगता था, जो अब बढ़कर 18 और 28 फीसदी हो जाएगा।
एक साल में 37 रिटर्न कैसे:
नेहरू प्लेस मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि उन्हें जीएसटी (GST) की बढ़ी हुई दरों से कहीं अधिक समस्या इसका लेखा-जोखा रखने से है। इसमें भी खासतौर से सालभर में 37 रिटर्न दाखिल करने से। ऐसे में दुकानदार अपना धंधा कहां से करेगा। वह तो बस जीएसटी (GST) की लिखत-पढ़त में ही लगा रहेगा। ऑल इंडिया कंप्यूटर ट्रेडर्स असोसिएशन, नेहरू प्लेस के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उनकी इस मसले को लेकर लगभग हर रोज दुकानदारों से बैठकें हो रही हैं। इसमें एक साल में 37 रिटर्न भरने की समस्या के अलावा मौजूदा समय में कंप्यूटर और इनके पार्ट्स पर लगने वाले पांच फीसदी टैक्स को 18 और 28 फीसदी स्लैब में ला देना भी है। इससे कंप्यूटर आइटम्स महंगी हो जाएंगी।कन्फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के चेयरमैन ब्रिज मोहन विज और जनरल सेक्रेटरी देवराज बवेजा का कहना है कि जीएसटी की बढ़ी दरों को लेकर वे परेशान नहीं हैं। मगर, इसकी प्रक्रिया जटिल है। सरकार को इसे मेंटन करने के तरीकों को आसान बनाना चाहिए। छोटे से छोटा दुकानदार इसे अपने स्तर पर आसानी से हैंडल कर सके। अभी बड़े दुकानदार तो अकाउंटेंट और सीए की सेवाएं लेकर जीएसटी की उलझनें सुलझा लेंगे, लेकिन उन छोटे दुकानदारों का क्या होगा जो सदर बाजार के गली-कूचों में बैठे हैं। उन्होंने बताया कि पहले यहां बिकने वाली अधिकतर आइटम्स पर 12.5 फीसदी वैट लगता था, जो अब बढ़कर 18 और 28 फीसदी हो जाएगा।
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